दोस्तों प्यार से प्यारा कोई एहसास नहीं होता और जब प्यार में दोस्ती भी हो तो क्या कहने फिर हर चीज आसान हो जाती है प्रेमी प्रेमिका एक दुसरे से जो चाहे कहते हैं जो चाहे पूछते हैं ऐसी ही एक प्रेमिका अपने प्रेमी से कुछ खट्टे सवाल पूछती है और कहती है की जैसे जिस सुर में मै सवाल पूछु उसी सुर में मुझे जवाब चाहिए नहीं तो मै रूठ जाउंगी अब वो क्या पूछती है और क्या जवाब मिलते हैं वो आप खुद ही पढ़ लीजिये .....
क्यों चाँद मुझे भाता है,
क्यों वो रोज नहीं आता है ??
ये गजब की बात है चाँद को चाँद ही भाता है,
जब चाँद छुप के तुम्हे देखता है, तब नज़र नहीं आता है।।
क्यों सागर नीला होता है
क्यों बादल इतना रोता है?
नीली आँखों से निकला सो सागर नीला होता है,
जब प्यार पे लगता है पहरा, तो बादल इतना रोता है।।
क्यों सपने मुझे लुभाते हैं
क्यों फूल इतना शर्माते हैं??
बिछुडे प्रेमी सपने में मिलते है, सो सपने बहुत लुभाते हैं,
देखके फूलों सा कोमल चेहरा , फूल भी शरमाते हैं।।
क्यों झरना इतना चंचल है
क्यों कल कल कल कल बहता है??
झरना तेरा दीवाना है सो वो भी चंचल होता है,
देख के तुझको झरना भी कल कल आहें भरता है।।
क्यों सूरज अकड दिखाता है
क्यों तारो को दूर भगाता है ??
दिलजला प्रेमी है सूरज सो अकड़ा अकड़ा रहता है,
धरती से मिलने आता है सो तारो को दूर भगाता है।।
सबकुछ मन को भाता है
अनायास क्या हो जाता है
क्यूँ मन उदास हो जाता है
क्यूँ आँखे झर झर बहती है ??
जब याद किसी की आती है,
ऐसा अक्सर हो जाता है,
हँसते हँसते आँखों से यादो का झरना बहता है,
जब दिल किसी का रोता है तब आंखें झर झर बहती हैं...
---------------------------------पारुल'पंखुरी'
-----------नीरज कुमार
ये रचना मेरे और मेरे कवि मित्र नीरज कुमार "नीर" की कुछ अनोखा करने की लगन
में की गई एक छोटी सी कोशिश है ..आशा है आप सबको यह पसंद आएगी ..अपनी
प्रतिक्रिया अवश्य दे।।। मेरे मित्र का भी एक ब्लॉग है उस पर भी एक बार
अवश्य पधारें ..लिंक यहाँ दे रही हूँ ...
वाह !!! बहुत ही सुंदर जबाब और सवाल,,,लाजबाब प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteनीरज जी से परिचय कराने के लिए आभार,,,,,
Recent post: गरीबी रेखा की खोज
हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया धीरेन्द्र जी :-)
Deletebahut achhi prastuti....................ati sunder
ReplyDeleteशुक्रिया आनंद :-)
Deleteबहुत प्यारी जुगलबंदी है पारुल.....
ReplyDeleteबधाई आपको और नीरज जी को.
अनु
धन्यवाद अनु दी :-) ब्लॉग पर आने से ही आपके चार चाँद लग जाते हैं
Deletesundar prayas...
ReplyDeleteशुक्रिया प्रदीप जी :-)
Deleteawesome.. bahut hi sundar.. DI ... :)
ReplyDeletethanx गौरव :-)
Deletesorry forgot to mention .. Credit to Neeraj ji .. bahut sundar neeraj ji.. :)
ReplyDeleteNo need to be sorry Gaurav ji. its all Parul's inspiration, so me too owe all credit to her only.Thanks by the way for liking.
Deleteदिलचस्प जुगलबंदी ......नीरज और पारुल आप दोनों को बधाई
ReplyDeletethanx a lot शिखा :-)
Deletelovely lovely... I loved all the questions and so the bful answers..:) :) bahut pyari juglabandi..:)
ReplyDeletethanx samir :-)
DeletePresentation really ossi.. a new style..clap..!! clap..!! :)
ReplyDeletethanx a ton :-)
DeleteChaand bhi ajeeb cheez hai
ReplyDeletenaa..
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Jisme bachpan me "MAMU" aur Jawani me "JAANU" nazar aate
hain....;) :P
hahaha sahi kaha vikas :-)
DeleteOL N OL NICELY COMPOSED WITH GREAT CREATIVE PRESENTATION ....GOOD LUCK FOR THE NEXT :-) :-)
Deleteशुक्रिया श्रीराम जी :-)
ReplyDeleteवाह, बहुत सुंदर संयोजन ......
ReplyDeleteshukriya monika ji :-)
DeletePlease visit.....
ReplyDeleteवो हलकी फुहार .
एक प्रयोग है ...पंखुरी सफल हो जाये दुआ करो .....आपको ही बताना होगा कि सही हो गया कि नहीं
ReplyDeleteयादें
तुम्हारी आवाज़ ...
तुम्हारी आवाज़ ...
ReplyDeleteयह जुगलबंदी बहुत सुंदर है. आपको और आपके मित्र दोनों को उम्दा लेखन के साथ ही शिवरात्रि की शुभकामनायें.
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