तुम्हारी सुबह हमारी रातें होंगी ......
अब तो ख्वाबो में ही अपनी मुलाकातें होंगी .....
तुम बिन बोझिल मेरी सांसें होंगी ...
तेरी यादें ही अब प्यार की सौगातें होंगी ....
अब होगा जीना कुछ इस तरह की .....
आँखों में आंसू लबो पे मुस्कुराहटें होंगी .....
शायद मै रहू न रहू तेरे आने तक ....
महकी हवाओ में घुली मेरी सांसें होंगी ....
मोहब्बत को मंजिल न मिले अब ....
सफर में ही ताजमहल हमारी चाहतें होंगी .....
------------------पारुल 'पंखुरी'
बहुत सुन्दर ....
ReplyDeleteमोहब्बत के सफ़र में ताजमहल का ख्याल भा गया हमको...
सस्नेह
अनु
shukriya anu di :-)
Deleteअब होगा जीना कुछ इस तरह की .....
ReplyDeleteआँखों में आंसू लबो पे मुस्कुराहटें होंगी .....
बहुत ही खूबसूरत एहसास को जिया है इस शेर में ... स तरह जीने का भी अपना ही मजा है ...
digambar ji aapka blog par bahut bahut swagat hai ..aapki hausla afjai ke liye bahut bahut shukriya
Delete--saadar
यादों में ही अब बाते होंगी ....
ReplyDeleteशुभकामनायें!
Ashok ji bs yaadein hi rh jaati hain unhi mei hi baatein hoti hain unhi se hi baatein hoti hain ..blog par aane ka shukriya
Delete---saadar
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
ReplyDeleteशुक्रिया संजय :-)
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