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जिंदगी का हर दिन ईश्वर की डायरी का एक पन्ना है..तरह-तरह के रंग बिखरते हैं इसपे..कभी लाल..पीले..हरे तो कभी काले सफ़ेद...और हर रंग से बन जाती है कविता..कभी खुशियों से झिलमिलाती है कविता ..कभी उमंगो से लहलहाती है..तो कभी उदासी और खालीपन के सारे किस्से बयां कर देती है कविता.. ..हाँ कविता.--मेरे एहसास और जज्बात की कहानी..तो मेरी जिंदगी के हर रंग से रूबरू होने के लिए पढ़ लीजिये ये पंखुरी की "ओस की बूँद"

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Saturday, 15 February 2014

मेरा मन















कभी समंदर किनारे

गीले रेत पे

उंगलिया फिराता

सीपी से मोती

चुराने को कभी

गहरे समंदर में

डुबकी लगता

भागे कभी नीली

तितली के पीछे

ढूंढ़ने उसके

घर का पता

ये इंद्रधनुष

आसमा में कैसे टंगा

रहे कभी बस

यही सोचता

दौड़ता भागता

फ़िरे वन उपवन

भटकता रहे बावरा मेरा मन




उमंग के घुंघरू बांधे

कभी रहे नाचता

कभी मुस्कुराये खुद-ब-खुद ,

क्यूँ ? ,क्या पता

कुहासी खिड़कियों के पार

घंटो रहे देखता

बुनता ख्यालो का स्वेटर

कभी यादों के शॉल ओढ़ता

यादो कि कश्तियाँ कभी

बारिशो में देता बहा

पतझड़ भी लगे सुहाना

कभी भाये न इसे बसंत

भटकता रहे बावरा मेरा मन

------------------पारुल'पंखुरी'

picture courtesy---www.123rf.com(via google)




10 comments:

  1. आपकी प्रविष्टि् कल रविवार (16-02-2014) को "वही वो हैं वही हम हैं...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1525" पर भी रहेगी...!!!
    - धन्यवाद

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  2. Kya baat hai Pankhuri Di..kya khub tarike se emotion ko bandha..kitna pyara..bahut sunder aur dil k karib lagi!! :)

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  3. Bahut achha...man ki baatein badi nirali..

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  4. बहुत खूबसूरत रचना बन पड़ी है , बधाई आपको .. भावों के रस प्रत्येक शब्द दर शब्द पाठक को सराबोर कर देते हैं , और पढने को मन करता ही रहता है .. बहुत खूबसूरत बिम्बों का भी सहारा लिया है जो मानो रचना को जीवंत बना देते है बुनता ख्यालो का स्वेटर
    कभी यादों के शॉल ओढ़ता
    यादो कि कश्तियाँ कभी
    बारिशो में देता बहा ... ये पंक्तियाँ बहुत खूबसूरत बन पड़ी है , पुनश्च बधाई ..

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  5. behatareen prastuti ke liye aabhar Parul ji

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  6. मन भटकता नहीं दौड़ता है .. पींगे भरता है इस उपवन में ... खुसबू की तलाश में पर वो तो है बस महसूस करने के लिए ...

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  7. man hiran ..chhalange marta rahna .. :) atisundar prastuti .. badhayi evam shubhkamnaye

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  8. बहुत ही सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति।

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  9. मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ती !

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