कभी समंदर किनारे
गीले रेत पे
उंगलिया फिराता
सीपी से मोती
चुराने को कभी
गहरे समंदर में
डुबकी लगता
भागे कभी नीली
तितली के पीछे
ढूंढ़ने उसके
घर का पता
ये इंद्रधनुष
आसमा में कैसे टंगा
रहे कभी बस
यही सोचता
दौड़ता भागता
फ़िरे वन उपवन
भटकता रहे बावरा मेरा मन
उमंग के घुंघरू बांधे
कभी रहे नाचता
कभी मुस्कुराये खुद-ब-खुद ,
क्यूँ ? ,क्या पता
कुहासी खिड़कियों के पार
घंटो रहे देखता
बुनता ख्यालो का स्वेटर
कभी यादों के शॉल ओढ़ता
यादो कि कश्तियाँ कभी
बारिशो में देता बहा
पतझड़ भी लगे सुहाना
कभी भाये न इसे बसंत
भटकता रहे बावरा मेरा मन
------------------पारुल'पंखुरी'
picture courtesy---www.123rf.com(via google)
गीले रेत पे
उंगलिया फिराता
सीपी से मोती
चुराने को कभी
गहरे समंदर में
डुबकी लगता
भागे कभी नीली
तितली के पीछे
ढूंढ़ने उसके
घर का पता
ये इंद्रधनुष
आसमा में कैसे टंगा
रहे कभी बस
यही सोचता
दौड़ता भागता
फ़िरे वन उपवन
भटकता रहे बावरा मेरा मन
उमंग के घुंघरू बांधे
कभी रहे नाचता
कभी मुस्कुराये खुद-ब-खुद ,
क्यूँ ? ,क्या पता
कुहासी खिड़कियों के पार
घंटो रहे देखता
बुनता ख्यालो का स्वेटर
कभी यादों के शॉल ओढ़ता
यादो कि कश्तियाँ कभी
बारिशो में देता बहा
पतझड़ भी लगे सुहाना
कभी भाये न इसे बसंत
भटकता रहे बावरा मेरा मन
------------------पारुल'पंखुरी'
picture courtesy---www.123rf.com(via google)
आपकी प्रविष्टि् कल रविवार (16-02-2014) को "वही वो हैं वही हम हैं...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1525" पर भी रहेगी...!!!
ReplyDelete- धन्यवाद
Kya baat hai Pankhuri Di..kya khub tarike se emotion ko bandha..kitna pyara..bahut sunder aur dil k karib lagi!! :)
ReplyDeleteBahut achha...man ki baatein badi nirali..
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना बन पड़ी है , बधाई आपको .. भावों के रस प्रत्येक शब्द दर शब्द पाठक को सराबोर कर देते हैं , और पढने को मन करता ही रहता है .. बहुत खूबसूरत बिम्बों का भी सहारा लिया है जो मानो रचना को जीवंत बना देते है बुनता ख्यालो का स्वेटर
ReplyDeleteकभी यादों के शॉल ओढ़ता
यादो कि कश्तियाँ कभी
बारिशो में देता बहा ... ये पंक्तियाँ बहुत खूबसूरत बन पड़ी है , पुनश्च बधाई ..
wah sundar abhivyakti
ReplyDeletebehatareen prastuti ke liye aabhar Parul ji
ReplyDeleteमन भटकता नहीं दौड़ता है .. पींगे भरता है इस उपवन में ... खुसबू की तलाश में पर वो तो है बस महसूस करने के लिए ...
ReplyDeleteman hiran ..chhalange marta rahna .. :) atisundar prastuti .. badhayi evam shubhkamnaye
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी अभिव्यक्ती !
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