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जिंदगी का हर दिन ईश्वर की डायरी का एक पन्ना है..तरह-तरह के रंग बिखरते हैं इसपे..कभी लाल..पीले..हरे तो कभी काले सफ़ेद...और हर रंग से बन जाती है कविता..कभी खुशियों से झिलमिलाती है कविता ..कभी उमंगो से लहलहाती है..तो कभी उदासी और खालीपन के सारे किस्से बयां कर देती है कविता.. ..हाँ कविता.--मेरे एहसास और जज्बात की कहानी..तो मेरी जिंदगी के हर रंग से रूबरू होने के लिए पढ़ लीजिये ये पंखुरी की "ओस की बूँद"

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Monday, 1 July 2013

मन की बात ...


सौ तरह की बातें ...
हजारो मचल रहे जज्बात ...
चाहती हूँ शब्दों में बहाना ...
इन्द्रधनुषी स्याही में डुबोकर ..
मन की हर एक बात ....
सोच रही हूँ मन के पंख होते तो ...
उन पंखो को स्याही में डुबोकर
मै खुद ही कागज़ पर बिछ जाती ..
मेरे पंखो के निशान जब रंगबिरंगी स्याही में डूबते
और कागज़ पर उड़ान भरते
तो वही मेरे दिल का सार हाल बयां कर पाते
वही मेरे दिल का हाल बयां कर पाते...

-------------पारुल 'पंखुरी '

20 comments:

  1. खूबसूरत जज़्बात... बधाई आपको

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  2. सुंदर सृजन,मन के जज्बातों उम्दा प्रस्तुति,,,

    RECENT POST: जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें.

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  3. बहुत ही बढ़िया

    सादर

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  4. शब्दों से ज्यादा कौन बयाँ कर सकता है मन के जज्बातों को ...
    लाजवाब रचना ...

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  5. बहुत ही खूबसूरती से रखे जज़्बात ..... बहुत-बहुत सुंदर

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  6. वाह , शब्दों का संयोजन बहुत सुंदर, दिल की बात कहती रचना, शुभकामनाये , यहाँ भी पधारे फुर्सत के क्षणों में

    http://shoryamalik.blogspot.in/

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  7. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना....

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  8. शब्दों की बहती सरिता में बहने दीजिये जज्बात को
    मन की स्याही में डुबोकर कह दीजिये दिल की हर बात को
    शब्दों को पंख लगाकर, उड़ने दीजिये आकाश में उन्मुक्त
    खुल कर बहकने दीजिये अनकहे, अनछूए जज्बात को

    बहुत खूबसूरत ...... :)

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  9. .. बढ़िया अभिव्यक्ति !!

    मैंने तो अपनी रचना की, हर पंक्ति तुम्हारे नाम लिखी
    क्या जाने अर्थ निकालेगी, इन छंदों का, दुनिया सारी ! -सतीश सक्सेना

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  10. चाहत यही कि लफ्जों के बहाने
    शबे-तार कि स्याही में डुबोकर
    ख़िलकत में इक धनक लिख दूँ.....

    खिलकत = प्रकृति, दुनिया
    धनक = इन्द्रधनुष

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  11. बहुत सुन्दर ..कितना कुछ कह दिया ... शब्दों में.
    फुर्सत मिले तो शब्दों की मुस्कराहट पर......Recent Post बड़ी बिल्डिंग के बड़े लोग :) पर ज़रूर आईये

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  12. वाह ! क्या बात है P.goel जी ,आपकी लेखनी ने आपके दिल का हाल बया किया है ।
    वक्त मिलने पर आप मेरी काव्यालय (www.bnjraj08.com ) जरुर पढ़े ।आपके प्रोत्साहन ,प्रसंशा और हो सके तो आलोचना की जरुरत है।हिंदी के इस युवा बेटे को ..........

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  13. बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना !!

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  14. This comment has been removed by the author.

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  15. वाह.....
    बहुत सुन्दर!!!!

    अनु

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  16. पर कितना कुछ भी कह देने के बाद भी अल्फाज़ जज़्बातों के लिबास नहीं बन पाते....सुंदर प्रस्तुति।।

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  17. aap sabhi ka bahut bahut shukriya :-)

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  18. बहुत उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

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  19. बहुत अच्छी रचना !!!

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