कभी ओस बन के ढलकी. बनी कभी आंसुओ की निशानी.. कविता नहीं ये जज्बात हैं मेरे .. बस इतनी सी है 'पंखुरी' की कहानी
पंखुरी के ब्लॉग पे आपका स्वागत है..
जिंदगी का हर दिन ईश्वर की डायरी का एक पन्ना है..तरह-तरह के रंग बिखरते हैं इसपे..कभी लाल..पीले..हरे तो कभी काले सफ़ेद...और हर रंग से बन जाती है कविता..कभी खुशियों से झिलमिलाती है कविता ..कभी उमंगो से लहलहाती है..तो कभी उदासी और खालीपन के सारे किस्से बयां कर देती है कविता.. ..हाँ कविता.--मेरे एहसास और जज्बात की कहानी..तो मेरी जिंदगी के हर रंग से रूबरू होने के लिए पढ़ लीजिये ये पंखुरी की "ओस की बूँद"
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Thursday, 16 May 2013
17 comments:
मित्रो ....मेरी रचनाओं एवं विचारो पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे ... सकारात्मक टिपण्णी से जहा हौसला बढ़ जाता है और अच्छा करने का ..वही नकारात्मक टिपण्णी से अपने को सुधारने के मौके मिल जाते हैं ..आपकी राय आपके विचारों का तहे दिल से मेरे ब्लॉग पर स्वागत है :-) खूब बातें कीजिये क्युकी "बात करने से ही बात बनती है "
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सब मन की ही बातें हैं ... और सपने में बुनता है मन नई नई बातें ... जैसे ये लाजवाब रचना ... ऐसे पल जरूरी हैं ...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteअच्छी रचना सुंदर अभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteआपने लिखा....हमने पढ़ा
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 17/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
पिछले कमेन्ट मे तारीख गलत हो गयाई है क्षमा प्रार्थी हूँ।
ReplyDelete-------------------
आपने लिखा....हमने पढ़ा
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 18/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
मन के ऊँचे नीचे भावों को खूबसूरती से शब्दों के माध्यम से पीरो कर सुन्दर कविता की माला बनायीं है.
ReplyDeleteजीवन में संशय तो बना ही रहता है
ReplyDeleteपर प्रेम का महीन अहसास सब दूर कर देता है
सुंदर रचना
बधाई
आग्रह इसे भी पढ़े "बूंद"
मन की बातें मन ही जाने ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर....प्रेम का यह रूप भी ......
ReplyDeleteमन जो कहता है सही कहता है !
ReplyDeleteडैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post वटवृक्ष
sabase pahle to aapaka naam bahut pasand aaya...
ReplyDeleteAise hi likhate rahane ki subhkamanayen.
बहुत सुंदर रचना है ...मन की कशमकश का बहुत सटीक चित्रण किया है .....बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना ..
ReplyDeleteअभी अभी वह याद आ गए ,शायद कभी कभी वह भी याद करते हैं ।
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...मन के असमंजस का सुंदर चित्रण
ReplyDeleteउत्क्रुस्त , भावपूर्ण एवं सार्थक अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें .