क़ैद सोने के पिंजरे में...
नीली सोनचिरैया थी....
कभी दाना वो चुगती थी...
कभी गाना वो गाती थी..
ना जाने कौन सी मन में...
उसके गहरी उदासी थी..
बिछड़ी थी वो प्रीतम से ...
विरह के गीत गाती थी...
करुण-द्रवित ह्रदय से..
प्रियतम अपने को बुलाती थी...
कनक तीली ना चहिये ...
ना तो चहिये पकवान ...
प्रियतम मेरे अब आ जाओ ...
हूँ मै कुछ पलो की मेहमान ...
थी उसकी प्रीत बड़ी सच्ची ...
थी उसकी आस में शक्ति ...
की एक दिन ढून्ड़ने उसको ...
प्रियतम खुद वहा आया ...
अपनी प्रियतमा ..को था उसने ..
बन्धनों में पाया ....
बहुत झपटा बहुत मारा ...
वो पिंजड़ा तोड़ ना पाया ...
था उम्मीद का जो तार ...वो भी टूटता नजर आया ...
सोनचिरैया समझ गई थी...
अब पिंजड़ा ही उसकी किस्मत ....
वादा लिया रोज आने का ..
प्रियतम,जिन्दा रहू मै जब तक ...
चिरैया रोज आता था ...
बैठता पिंजड़े को पंजो से पकड़कर ...
बह रहा था प्रीत का समंदर ..
एक पिंजड़े के बाहर...एक पिंजड़े के अन्दर ....
नीली सोनचिरैया अब ...
प्रेम के गीत गाती थी...
ख़ुशी के तारे थे चमकते ...
जब वो उडान भरती थी...
उसके अपने आसमा में...
जो दिया था उसके चितचोर ने ...
सपनो की डोर से बंधा ....
लटकता ....झूलता ....
उसका अपना आसमान ....
-------------------पारुल 'पंखुरी'
Bahut Khoob.. Parul.. All the best it is always good to read your words...
ReplyDeleteThank u sir ..thanx for ur good wishes :-)
DeleteVery soulful.
ReplyDeleteThanx neeraj :-)
Deletenatkhat h shayaani h..
ReplyDeletekrishna or poetry ki deewani h..
parul tu dosto ki shan h..
m khus hu k teri,aaj ek alag pahchan h..
titliyo ki tarah tu udti rahe..
or jeewan me u he naye rang bharti rahe..
.... i wish ..k..
jaise aaj tere nam k sath ye "Pankhuri" jura h aise he teri lyf me roz nayi khushiya jurti rahe.....
........lov u yaar,,,ur,NEERU JAIN'....
or m tume sabse bad me wish krna chahti thi b'coz m chahti thi k tume last me mera he comment yad rahe....
My dear Neeru bahut pyari khawaish bahut sundar se shabdo mei dhaal ke kh di ....tum hamesha sath rehna to khushiyaa judti hi rahengi ..ye comment hamesha yaad rahega :-) thanx a ton nd love u too
DeleteNice one ....
ReplyDeletethanx :-)
Deleteबहुत कोमल एहसास |
ReplyDeletehaan aakash komal aur dardbhara :-)
Deleteबहुत सुन्दर कविता | बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति | पढ़कर ह्रदय गदगद हो गया | आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता | बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति .बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें.
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