सभी मित्रो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
जिसकी गोद में बचपन खिलखिलाया
जिसके आँचल ने दुश्मनों से छुपाया
खुद जुल्म सहे ..हमको बचाया
ऐसी माँ भारती का हम पे कर्ज है
अब माँ को सम्हाले ये मेरा फर्ज है
जिसने गंगा सा निर्मल जल है बहाया
जिसने हिमालय सा प्रहरी रक्षा को बिठाया
जिसने कपूतो को भी ममता की छाँव में सुलाया
ऐसी माँ भारती का हम पे कर्ज है
अब माँ को संभाले ये मेरा फर्ज है
क्यों करें हम इन्तजार बरसो तलक
जन्मेगा फिर से सुखदेव या कोई भगत
फिर लेगी कोई लक्ष्मी अवतार है
कोढ़ हुआ देश को ये बड़ा मर्ज है
तुरंत इसका उपचार मेरा फर्ज है
डर डर के जीना कोई जीना नहीं
अब इस दर्द को हमे और पीना नहीं
घर घर में बनाने हैं भगत और गुरु
के बिन कफ़न के .. कोई अब निकले नहीं
मेरी आज बस यही अर्ज है
माँ भारती को बचाना अब मेरा फर्ज है ...
-------------------------पारुल'पंखुरी'
बहुत सुंदर भाव...... स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावपूर्ण रचना,,,
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.
घर घर में भगत राजगुरु जरूर बनते अगर देश उनका महत्त्व समझ पाता ... उनको कुह मान दे पाता ... भाव मय रचना ...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनायें ...
बहुत सुंदर .....ऐसे जज्बातों की बहुत जरूरत है आज हमारे समाज को
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