पंखुरी के ब्लॉग पे आपका स्वागत है..
जिंदगी का हर दिन ईश्वर की डायरी का एक पन्ना है..तरह-तरह के रंग बिखरते हैं इसपे..कभी लाल..पीले..हरे तो कभी काले सफ़ेद...और हर रंग से बन जाती है कविता..कभी खुशियों से झिलमिलाती है कविता ..कभी उमंगो से लहलहाती है..तो कभी उदासी और खालीपन के सारे किस्से बयां कर देती है कविता.. ..हाँ कविता.--मेरे एहसास और जज्बात की कहानी..तो मेरी जिंदगी के हर रंग से रूबरू होने के लिए पढ़ लीजिये ये पंखुरी की "ओस की बूँद"
मीठे बादल...
उमड़ घुमड़ घनन घनन
गरज रहे मीठे बादल
बादल से काला रंग ले
आँखें कजरारी बना लूं
नीला रंग ले आसमा का
चूड़िया कांच की सजा लूं
वो दूर लाल उड़ते गोले को
माथे पे सजा लूं
और इन्द्रधनुष के रंग बैंगनी
झिलमिल बिंदिया की बना लूं
नई हवा जो चली आज ये
तन मन इस से महका लूं
बारिश की झरती बूंदों से
धो डालू मन की स्याही
फैली स्याही ..हो गई कोरी
ज्यो कन्या हो बिन ब्याही
इस क्षण ऐसा मिला है सुख
नाही जाए मोसे बखावत
नयन अश्रु से नई आस का
करूँ मै मन भर स्वागत
------पारुल'पंखुरी'
bahut sundar... Adbhut nature se kiya hua dressing .. (y) Hare krishna
ReplyDeleteबहुत सुंदर उम्दा प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST : जिन्दगी.
बहुत सुंदर दृश्य और श्रृंगार के तो कहने ही क्या ...
ReplyDeleteसावन का सुंदर स्वागत
सुन्दर ... शब्दों के माध्यम से मौसम की सुंदरता को बाद के रख दिया आपने ...
ReplyDeleteसुंदर और भावपूर्ण ..रचना
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteवाह किया बात है , बहुत खूब,
ReplyDeleteबादलों की बूंदों में हर स्याही धुल गयी
ReplyDeleteअब मन में विशवास है ..आस है
बहुत सुंदर ख्याल और वर्षा का वर्णन मनमोहना है ...बधाई