काश!! तुम होते .....
तो कुछ और बात होती....
यूँ तो हर तरफ है हसीन नजारें..
नहाती हैं रातें चांदनी से ...
नाचते भागते आसमा में तारे....
जुगनू ज्यो अठखेलियाँ हो करते....
लगता है आसमा को उड़ा ले जायेंगे....
ख्वाबो की डोर से आसमा के सिरों को.....
बांधता मन अपनी मुट्ठियों में .....
तब चेहरे पे आती एक अनोखी मुस्कान.....
अनायास आ जाता तुम्हारा ध्यान ....
काश! तुम यहाँ होते ......
तो कुछ और बात होती ........
सुबह का आलम कुछ होता है ऐसा...
अंगडाई लिए मै कसमसाती सी उठती....
आँखों के जुगनू अभी ठीक से भी न थे जगमगाए....
खिड़की से आती धूप मुझको खुद ही नहलाये ....
गुनगुने पानी में फूल मोघरे के .....
हथेलियों के पानी में तू नजर आये.....
पानी की बूंदे जब टपकती बालो से...
भीगे चुनर मोहे सर्दी सताए ...
मन मेरा फिर यही दोहराए...
काश!! तुम यहाँ होते ...
तो कुछ और बात होती.....
---------------------------------------पारुल 'पंखुरी'
बहुत सुंदर ....सपनीले रोमांस से भरपूर ....
ReplyDelete- शिखा
shukriya shikha ..chalo kahin to romance hai :-)
Deleteवाह !!!!!!! बहुत ही ''निराली'' रचना :)
ReplyDeleteआप गर हमारी ज़िंदगी में आते और बात होती
आकर फिर न जाते तो कुछ और बात होती
हंसना गर आपकी फितरत में नहीं तो ये और बात है
एक बार मुस्कुरा कर भी जाते तो कुछ और बात होती
हमसे खता हुई तो ये और बात है
नाराज़गी का सबब बतलाते तो कुछ और बात होती
दिल में हसरत न रहती अरमान बनकर,
जो आप हमसे बयान करते मंज़र
फिर चले जाते तो और बात होती
वापस न आते लौटकर तो कुछ और बात होती
आपको गर हम पर नाज़ होता तो और बात होती
ग़म मे गर हमारा साथ देते तो कुछ और बात होती
जो आप हमसे एक बार भी मुलाकात करते तो और बात होती
मिलकर फिर न बिछड़ते तो कुछ और बात होती.....
vikas tum to meri kavita padh kar mujhse bhi achha kh dete ho ab samjh nahi aa raha k apni kavita padhu ya tumhari :-)
DeleteAB JAISI ''NIRALI'' RACHNA VAISA HI COMMENT :) :)
Deleteकाश तुम होते तो और बात होती ,, वाकई |
ReplyDeleteaakash haan wakai ...
Deletekyaa baat hai Parul ji... bahut khoobsurat..
ReplyDelete--sudeep
shukriya sudeep :-)
Deletelovely poem as usual.. Vikas Chopra sir ,you also worte a bful creation..:) really very bful creations by both of you..:)
ReplyDeleteTHANKS SAMIR :)
Deletekaas! tum hote ..........to kuchh aur baat hoti.........
ReplyDeletepicturisation ho gya padte hi.....
kya baat hai..... di
@nand
kash! Aisa kisi ne hamare liye likha hota..
ReplyDeleteYa hamane kisi ke liye...
Waise yahi kya kam hai ki kisi ne kisi k liye likha. Wakayi ek tees jagane wali kavita.