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Saturday 6 July 2013

इश्क....



वो कहते हैं
ये सपना है  झूठा
इस  वहम  को अब तोड़  दे
मै  कहती हूँ ..
वो हवा अभी चली नहीं
जो मुझे उसके दर पे छोड़ दे ..

वो कहते हैं
किसी की याद में जिंदगी
बिताने से क्या फ़ायदा ...
मै  कहती हूँ ..
प्यार में फ़ायदा नुकसान देखूं ,
मै  नहीं जानती ऐसा कायदा
 
वो कहते हैं ..
यूँ तड़प तड़प के
जवानी बर्बाद नहीं करते
आँखें खोल के देखो .
हजारों आहें भरते हैं ..
मै  कहती हूँ ..
मेरी एक आह उस तक
नाजाने कैसे पहुंचेगी ..
वो कैसे जानेगा की हम
उसपे कितना मरते हैं

वो कहते हैं ...
संभल जा, अब भी वक़्त है
वरना बहुत पछताएगी ..
मै कहती हूँ
एक नजर दीदार की प्यासी हूँ
वो घडी जन्नत का सुकून दे जायेगी

वो कहते हैं ..
पगला गई है तू
तेरा, कुछ हो नहीं सकता
इश्क बर्बाद कर देगा
समझ ले ..ना कर नादानी

मै  कहती हूँ
कैसे छोड़ दू मै  इश्क
जिसे आंसू से सींचा है
बिन जिसके जीवन रीता है
पल पल  आस में जिसकी
मन उम्मीदों की चादर सीता है
उस इश्क को बिसरा दूँ
ये मुझसे हो नहीं सकता
दोहराने दे इतिहास को
फिर वही कहानी
मै  तो हूँ और रहूंगी
उसके प्रेम में दीवानी
-----------------पारुल'पंखुरी'



16 comments:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (08.07.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी. कृपया पधारें .

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  2. बिलकुल सही कहा, इश्क का दीवानापन ऐसा ही होता है , बहुत सुंदर भावो के साथ प्रस्तुति , शुभकामनाये
    यहाँ भी पधारे ,
    http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_5.html

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  3. प्रेम के सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ....!!

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  4. वाह !!! बहुत उम्दा लाजबाब भाव ,,,

    RECENT POST: गुजारिश,

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  5. . बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति आभार क्या ये जनता भोली कही जाएगी ? आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -5.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN लड़कों को क्या पता -घर कैसे बनता है ...

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  6. इश्क को वैर है खुद्दारी से, सूद औ ज़िया से इश्क परे,
    इश्क का ये दस्तूर नहीं महबूब भी इश्क ज़रूर करे.
    बहुत खूबसूरत शब्दों से सजाया है आपने ...इश्क के खयालात होते ही ऐसे हैं।

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  7. इश्क का अफसाना यूँ रेतों पे सजाया -
    क्या हुआ कि इक पल में मिट जाएगा ~

    लहरों के किनारों से मिलन के उस हसीन पल में।
    - about your fantastic selection of Image.

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  8. सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत बधाई आपको .

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  9. प्रेम हो जाता है ... इसपे जैसे क्पोई बस नहीं ... वैसे ही इसको बिसराना भी आसां नहीं ...

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  10. WAAH,PANKHRI GOEL JI,
    BAHUT SUNDAR PRASTUTI,
    MERI HARDIK SHUBHAKAMANAYE AAPKO.

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  11. pankhuri goel ji,

    bahut sundar prastuti,aapko meri hardik shubhakamanaye

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  12. बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है

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  13. जो कहते हैं उन्हें कहने दो.....उन्होंने शायद कभी मोहब्बत को महसूस नहीं किया होगा...
    सुन्दर रचना पारुल.
    keep loving...............
    <3
    anu

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