२२ अप्रैल प्यारे मित्रों आप सभी जानते हैं की आज विश्व पृथ्वी दिवस है .. पहले सोचा कोई कविता लिखूँ फिर सोचा की कोई लेख लिखू लोगो को जगाने के लिए फिर अचानक दिमाग पलटा और सोचा की दूसरो को कुछ सिखाने के लिए पहले खुद उस चीज पर अमल करना जरुरी है .. तो बस वही मैंने विश्व पृथ्वी दिवस पर सोचा बनाया और अब आप सबके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ
प्लास्टिक हमारे देश की एक बहुत बड़ी समस्या है इसलिए उसे कम इस्तेमाल करे करना भी पड़ रहा है तो उस प्लास्टिक को फेंके नहीं बल्कि उसे re-use करने की कोशिश करें ,पृथ्वी की बात हो और पेड़ पौधों की बात न हो तो बेईमानी होगी तो मैंने यही किया घर में पड़ी बेकार प्लास्टिक बोतलों को काटा (कैंची) से आराम से कट जाती हैं फिर उन्हें धागे या तार की सहायता से बाँध दिया और ऊपर के दो बोतल में छोटा सा छेद कर दिया मन हो तो थोडा सा रंग कीजिये और बन गए घर में लगाने के लिए सुन्दर सुन्दर प्लांटर्स इनमे छोटे पौधे लगा के आप कहीं पे भी टांग सकते हैं
जब अपने हाथ से बने प्लान्टर में लगाये हुए पौधे को बड़ा होते देखती हूँ तो यकीन मानिये उससे ज्यादा संतोषजनक कुछ नहीं लगता उस समय मन से स्वतः ही कविता बहने लगती है रंगों में फूलो में मिटटी में पौधों में सब जगह बस कविता ही कविता दिखती है
आप भी इसे बना कर देखिये
छोटे छोटे पौधों में जब छोटे छोटे फूल खिलेंगे
तन मन की सारी पीड़ा वो पल भर में हर लेंगे
रखना ध्यान इस बगिया के इन नन्हे मुन्नों का
देखना कैसे घर-आँगन को ये हरा भरा कर देंगे
------------------------------------------------------पारुल'पंखुरी
प्लास्टिक हमारे देश की एक बहुत बड़ी समस्या है इसलिए उसे कम इस्तेमाल करे करना भी पड़ रहा है तो उस प्लास्टिक को फेंके नहीं बल्कि उसे re-use करने की कोशिश करें ,पृथ्वी की बात हो और पेड़ पौधों की बात न हो तो बेईमानी होगी तो मैंने यही किया घर में पड़ी बेकार प्लास्टिक बोतलों को काटा (कैंची) से आराम से कट जाती हैं फिर उन्हें धागे या तार की सहायता से बाँध दिया और ऊपर के दो बोतल में छोटा सा छेद कर दिया मन हो तो थोडा सा रंग कीजिये और बन गए घर में लगाने के लिए सुन्दर सुन्दर प्लांटर्स इनमे छोटे पौधे लगा के आप कहीं पे भी टांग सकते हैं
जब अपने हाथ से बने प्लान्टर में लगाये हुए पौधे को बड़ा होते देखती हूँ तो यकीन मानिये उससे ज्यादा संतोषजनक कुछ नहीं लगता उस समय मन से स्वतः ही कविता बहने लगती है रंगों में फूलो में मिटटी में पौधों में सब जगह बस कविता ही कविता दिखती है
आप भी इसे बना कर देखिये
छोटे छोटे पौधों में जब छोटे छोटे फूल खिलेंगे
तन मन की सारी पीड़ा वो पल भर में हर लेंगे
रखना ध्यान इस बगिया के इन नन्हे मुन्नों का
देखना कैसे घर-आँगन को ये हरा भरा कर देंगे
------------------------------------------------------पारुल'पंखुरी
------picture by my own digi cam
सार्थक रचना ... दिन के महत्त्व को बाखूबी लिखा है ...
ReplyDeletelovely mam..:)
ReplyDeletevery very nice re-usage of plastic bottles :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सन्देश
ReplyDeleteघर आँगन पेड़ पौधों के बिना सूना है
सुन्दर बात और सार्थक सलाह ..... ज़रूर बनायेंगें
ReplyDeleteबढ़िया
ReplyDeleteशुक्रिया आप सभी का :-)
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