पृथ्वी अपनी प्यारी ,
नहीं तो प्रलय से पहले ही कर लो
विनाश की तैयारी ,
हर घर में लगायें पेड़ पौधे
सींचे स्नेह से क्यारी ,
तभी सुरक्षित रह पाएगी
हमारी नव्या फुलवारी
धरा दिवस पर आज एक घंटा ..
बंद कर दो बिजली सारी ..
रहो प्रकृति माँ की गोद में
तन मन में महकेंगी खुशिया न्यारी ..
बूँद बूँद जल भी है कीमती
व्यर्थ इसे न तुम गंवाओ
खुद समझो जल का महत्व .
और बच्चो को अपने समझाओ ..
गर बुद्धि को किया नहीं तुमने ये नोटिस जारी .
प्यासे मरेंगे पशु ,पक्षी ,बच्चे और सब नर नारी ..
आओ मिलकर करें संकल्प जन-जन को हमे जगाना है
आज नहीं हर दिन हर पल हमे "धरा दिवस" मनाना है
--------पारुल'पंखुरी'
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,प्रेरक रचना,,,
ReplyDeleteRECENT POST : प्यार में दर्द है,
सार्थक रचना ...
ReplyDeleteसच है पृथ्वी तभी बचेगी जब हम जागेंगे ... जरूरी है अभी से संज्ञान लेना ...
बहुत अच्छा भाव !
ReplyDeletelatest post सजा कैसा हो ?
latest post तुम अनन्त
धरती माँ को सहेजना हमारी साझी जिम्मेदारी है ...सुंदर कविता
ReplyDeleteविश्व पृथ्वी दिवस पर अच्छा संदेश देती हुई सुन्दर कविता. हम सब की जिमेवारी है कि पर्यावरण बचने की दिशा में सार्थक पहल करें. धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत प्रेरणादायक रचना ....ऐसी सोच हम सबकी हो जाए तो धरती पर स्वर्ग उतर आये ...
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