एहसास इश्क का ये पूरा है ना आधा है ..
ना जाने उस शख्स से ये कैसा नाता है ..
है दिल्लगी ये इश्क या दिल की लगी यारो ...
चोट खाके भी दिल नगमे गुनगुनाता है ...
भरे पैमाने भरी आँखें पहचान आशिक की ...
बेमुर्रवत इश्क में फ़कत आंसू कमाता है....
मिला तन्हाई का साथ दिन रात का ऐसा ...
मुझको सताता है कभी मुझको मनाता है ....
ना ख़ुशी का एहसास ना बरसती कभी आँखें...
ना रोने का वादा, दिल हर पल निभाता है ...
बंजर आँखें उखड़ी सांसें है प्यार का सिला ...
मै सब कुछ भूल जाती हूँ जब उसका नाम आता है ...
----------------पारुल 'पंखुरी'
ना जाने उस शख्स से ये कैसा नाता है ..
है दिल्लगी ये इश्क या दिल की लगी यारो ...
चोट खाके भी दिल नगमे गुनगुनाता है ...
भरे पैमाने भरी आँखें पहचान आशिक की ...
बेमुर्रवत इश्क में फ़कत आंसू कमाता है....
मिला तन्हाई का साथ दिन रात का ऐसा ...
मुझको सताता है कभी मुझको मनाता है ....
ना ख़ुशी का एहसास ना बरसती कभी आँखें...
ना रोने का वादा, दिल हर पल निभाता है ...
बंजर आँखें उखड़ी सांसें है प्यार का सिला ...
मै सब कुछ भूल जाती हूँ जब उसका नाम आता है ...
----------------पारुल 'पंखुरी'
इश्क में न रोने का वादा ... सच में बहुत तकलीफ देता है ... गम गलत नहीं हो पाता है ...
ReplyDeleteji sahi kaha aapne ..blog par aane ke liye shukriya :-)
Deleteवाह!!! प्रेम का एक और रूप
ReplyDelete-शिखा
prem ke najane kitne roop rang hain shikha ..shukriya
Deleteइश्क है ही ऐसी
ReplyDeletelatestpost पिंजड़े की पंछी
ji sahi kaha shukriya :-)
Deleteइंसान को बे इश्क,सलीका नही आता,
ReplyDeleteजीना तो बड़ी चीज है मरना नही आता !
Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,
वाह !!! kya khoob kaha aapne dheerendra ji ..bahut bahut shukriya :-)
Deleteमर्मस्पर्शी भाव
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया मोनिका जी :-)
Deleteएहसास इश्क का न पूरा है ना आधा है, कमाल की बात है, इश्क जो परवान न चढ़ सका लेकिन फिर भी रग रग में समाया है. बहुत अच्छे.
ReplyDeleteशुक्रिया नीरज :-)
Deletesuperb.
ReplyDeleteमर्ज ऐ इश्क को सबने ,गुनाह जाना ज़माने में
अपनी नज़रों में मुहब्बत क्यों इबादत हो गयी
देकर दुआएं आज फिर हम पर सितम बो कर गए.
अब जिंदगी जीना , अपने लिए क़यामत हो गयी
शुक्रिया मदन जी ब्लॉग पर आने और टिपण्णी के लिए : -)
Deleteवाह....लाजवाब गज़ल!
ReplyDeleteशुक्रिया शालिनी जी :-)
Deletefantastic ....gazab :)
ReplyDeletethanx a lot di :-)
Deleteप्यार में होती है ही ऐसी कसक की चोट खाकर भी भुलाया नहीं जा सकता है इसे ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया दिल से निकली दिल तक असर करती प्रस्तुति ..
बहुत बहुत शुक्रिया कविता जी :-)
DeleteI always say.. that you write amazing all Ras with great dexterity but the emotions of love always best.
ReplyDeletePyar ki kavitao ko padhte huye jo ehsas dil me sama jate hai.. aur fir halki halki si chhavi mann me ek akaar le leti hai.. to samajhiye kavita safal..:)
aur yahi hai complement iss poem k liye..mam..:)
thank u so much sam :-) ऐसे ही आकर मेरा हौसला बढ़ाते रहना :-)
Deleteवह इश्क ही क्या ,जो पूरा हो जाये ।
ReplyDeleteअमित जी पता नही सही है या नहीं मगर मंजिल तक पहुंचना तो सभी चाहते हैं ..पूरा हो न हो वो अलग बात है ....ब्लॉग पर पुनः पधारने के लिए धन्यवाद :-)
Deleteयादों में जो बसता है
ReplyDeleteउसका नाम जुबां से बयां कहां होता है ????
दिलबर नजर से हो कितना भी दूर
उसके पास होने का हमेशा अहसास होता है
आंखों में बसा दिखता है यह पूरा जमाना
पर ख्याल में जो बसा, वही दिल के पास होता है !!!!!!!
bahut khoob vikas ..blog par aane ke liye shukriya :-)
Delete:-) :-)
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत!
ReplyDeleteआपका ब्लॉग और आपकी रचनाएँ.... बिल्कुल...ओस की बूँद के जैसे... !:-)
~सादर!!!
bahut bahut shukriya anita ji :-)
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