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Tuesday 19 February 2013

अधूरा इश्क .....














एहसास इश्क का ये पूरा है ना आधा है ..

ना जाने उस शख्स से ये कैसा नाता है ..

है दिल्लगी ये इश्क या दिल की लगी यारो ...

चोट खाके भी दिल नगमे गुनगुनाता है ...

भरे पैमाने भरी आँखें पहचान आशिक की ...

बेमुर्रवत इश्क में फ़कत आंसू कमाता है....

मिला तन्हाई का साथ दिन रात का ऐसा ...

मुझको सताता है कभी मुझको मनाता है ....

ना ख़ुशी का एहसास ना बरसती कभी आँखें...

ना रोने का वादा, दिल हर पल निभाता है ...

बंजर आँखें उखड़ी सांसें है प्यार का सिला ...

मै सब कुछ भूल जाती हूँ जब उसका नाम आता है ...

----------------पारुल 'पंखुरी'

30 comments:

  1. इश्क में न रोने का वादा ... सच में बहुत तकलीफ देता है ... गम गलत नहीं हो पाता है ...

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    1. ji sahi kaha aapne ..blog par aane ke liye shukriya :-)

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  2. वाह!!! प्रेम का एक और रूप
    -शिखा

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    1. prem ke najane kitne roop rang hain shikha ..shukriya

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  3. इंसान को बे इश्क,सलीका नही आता,
    जीना तो बड़ी चीज है मरना नही आता !


    Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,

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    1. वाह !!! kya khoob kaha aapne dheerendra ji ..bahut bahut shukriya :-)

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  4. Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया मोनिका जी :-)

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  5. एहसास इश्क का न पूरा है ना आधा है, कमाल की बात है, इश्क जो परवान न चढ़ सका लेकिन फिर भी रग रग में समाया है. बहुत अच्छे.

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    1. शुक्रिया नीरज :-)

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  6. superb.

    मर्ज ऐ इश्क को सबने ,गुनाह जाना ज़माने में
    अपनी नज़रों में मुहब्बत क्यों इबादत हो गयी

    देकर दुआएं आज फिर हम पर सितम बो कर गए.
    अब जिंदगी जीना , अपने लिए क़यामत हो गयी

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    1. शुक्रिया मदन जी ब्लॉग पर आने और टिपण्णी के लिए : -)

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  7. वाह....लाजवाब गज़ल!

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    1. शुक्रिया शालिनी जी :-)

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  8. प्यार में होती है ही ऐसी कसक की चोट खाकर भी भुलाया नहीं जा सकता है इसे ...
    बहुत बढ़िया दिल से निकली दिल तक असर करती प्रस्तुति ..

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया कविता जी :-)

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  9. I always say.. that you write amazing all Ras with great dexterity but the emotions of love always best.
    Pyar ki kavitao ko padhte huye jo ehsas dil me sama jate hai.. aur fir halki halki si chhavi mann me ek akaar le leti hai.. to samajhiye kavita safal..:)
    aur yahi hai complement iss poem k liye..mam..:)

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    1. thank u so much sam :-) ऐसे ही आकर मेरा हौसला बढ़ाते रहना :-)

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  10. वह इश्क ही क्या ,जो पूरा हो जाये ।

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    1. अमित जी पता नही सही है या नहीं मगर मंजिल तक पहुंचना तो सभी चाहते हैं ..पूरा हो न हो वो अलग बात है ....ब्लॉग पर पुनः पधारने के लिए धन्यवाद :-)

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  11. यादों में जो बसता है
    उसका नाम जुबां से बयां कहां होता है ????

    दिलबर नजर से हो कितना भी दूर
    उसके पास होने का हमेशा अहसास होता है

    आंखों में बसा दिखता है यह पूरा जमाना
    पर ख्याल में जो बसा, वही दिल के पास होता है !!!!!!!

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  12. This comment has been removed by the author.

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  13. बहुत खूबसूरत!
    आपका ब्लॉग और आपकी रचनाएँ.... बिल्कुल...ओस की बूँद के जैसे... !:-)
    ~सादर!!!

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