कभी ओस बन के ढलकी.
बनी कभी आंसुओ की निशानी..
कविता नहीं ये जज्बात हैं मेरे
..
बस इतनी सी है 'पंखुरी' की कहानी
पंखुरी के ब्लॉग पे आपका स्वागत है..
जिंदगी का हर दिन ईश्वर की डायरी का एक पन्ना है..तरह-तरह के रंग बिखरते हैं इसपे..कभी लाल..पीले..हरे तो कभी काले सफ़ेद...और हर रंग से बन जाती है कविता..कभी खुशियों से झिलमिलाती है कविता ..कभी उमंगो से लहलहाती है..तो कभी उदासी और खालीपन के सारे किस्से बयां कर देती है कविता.. ..हाँ कविता.--मेरे एहसास और जज्बात की कहानी..तो मेरी जिंदगी के हर रंग से रूबरू होने के लिए पढ़ लीजिये ये पंखुरी की "ओस की बूँद"
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Monday, 1 July 2013
मन की बात ...
सौ तरह की बातें ... हजारो मचल रहे जज्बात ... चाहती हूँ शब्दों में बहाना ... इन्द्रधनुषी स्याही में डुबोकर .. मन की हर एक बात .... सोच रही हूँ मन के पंख होते तो ... उन पंखो को स्याही में डुबोकर मै खुद ही कागज़ पर बिछ जाती .. मेरे पंखो के निशान जब रंगबिरंगी स्याही में डूबते और कागज़ पर उड़ान भरते तो वही मेरे दिल का सार हाल बयां कर पाते वही मेरे दिल का हाल बयां कर पाते...
शब्दों की बहती सरिता में बहने दीजिये जज्बात को मन की स्याही में डुबोकर कह दीजिये दिल की हर बात को शब्दों को पंख लगाकर, उड़ने दीजिये आकाश में उन्मुक्त खुल कर बहकने दीजिये अनकहे, अनछूए जज्बात को
वाह ! क्या बात है P.goel जी ,आपकी लेखनी ने आपके दिल का हाल बया किया है । वक्त मिलने पर आप मेरी काव्यालय (www.bnjraj08.com ) जरुर पढ़े ।आपके प्रोत्साहन ,प्रसंशा और हो सके तो आलोचना की जरुरत है।हिंदी के इस युवा बेटे को ..........
मित्रो ....मेरी रचनाओं एवं विचारो पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे ... सकारात्मक टिपण्णी से जहा हौसला बढ़ जाता है और अच्छा करने का ..वही नकारात्मक टिपण्णी से अपने को सुधारने के मौके मिल जाते हैं ..आपकी राय आपके विचारों का तहे दिल से मेरे ब्लॉग पर स्वागत है :-) खूब बातें कीजिये क्युकी "बात करने से ही बात बनती है "
खूबसूरत जज़्बात... बधाई आपको
ReplyDeleteसुंदर सृजन,मन के जज्बातों उम्दा प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST: जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें.
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
शब्दों से ज्यादा कौन बयाँ कर सकता है मन के जज्बातों को ...
ReplyDeleteलाजवाब रचना ...
बहुत ही खूबसूरती से रखे जज़्बात ..... बहुत-बहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह , शब्दों का संयोजन बहुत सुंदर, दिल की बात कहती रचना, शुभकामनाये , यहाँ भी पधारे फुर्सत के क्षणों में
ReplyDeletehttp://shoryamalik.blogspot.in/
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteशब्दों की बहती सरिता में बहने दीजिये जज्बात को
ReplyDeleteमन की स्याही में डुबोकर कह दीजिये दिल की हर बात को
शब्दों को पंख लगाकर, उड़ने दीजिये आकाश में उन्मुक्त
खुल कर बहकने दीजिये अनकहे, अनछूए जज्बात को
बहुत खूबसूरत ...... :)
.. बढ़िया अभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteमैंने तो अपनी रचना की, हर पंक्ति तुम्हारे नाम लिखी
क्या जाने अर्थ निकालेगी, इन छंदों का, दुनिया सारी ! -सतीश सक्सेना
चाहत यही कि लफ्जों के बहाने
ReplyDeleteशबे-तार कि स्याही में डुबोकर
ख़िलकत में इक धनक लिख दूँ.....
खिलकत = प्रकृति, दुनिया
धनक = इन्द्रधनुष
बहुत सुन्दर ..कितना कुछ कह दिया ... शब्दों में.
ReplyDeleteफुर्सत मिले तो शब्दों की मुस्कराहट पर......Recent Post बड़ी बिल्डिंग के बड़े लोग :) पर ज़रूर आईये
सुंदर पंक्तियाँ.....
ReplyDeleteवाह ! क्या बात है P.goel जी ,आपकी लेखनी ने आपके दिल का हाल बया किया है ।
ReplyDeleteवक्त मिलने पर आप मेरी काव्यालय (www.bnjraj08.com ) जरुर पढ़े ।आपके प्रोत्साहन ,प्रसंशा और हो सके तो आलोचना की जरुरत है।हिंदी के इस युवा बेटे को ..........
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना !!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाह.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!!!!
अनु
पर कितना कुछ भी कह देने के बाद भी अल्फाज़ जज़्बातों के लिबास नहीं बन पाते....सुंदर प्रस्तुति।।
ReplyDeleteaap sabhi ka bahut bahut shukriya :-)
ReplyDeleteबहुत उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना !!!
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