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जिंदगी का हर दिन ईश्वर की डायरी का एक पन्ना है..तरह-तरह के रंग बिखरते हैं इसपे..कभी लाल..पीले..हरे तो कभी काले सफ़ेद...और हर रंग से बन जाती है कविता..कभी खुशियों से झिलमिलाती है कविता ..कभी उमंगो से लहलहाती है..तो कभी उदासी और खालीपन के सारे किस्से बयां कर देती है कविता.. ..हाँ कविता.--मेरे एहसास और जज्बात की कहानी..तो मेरी जिंदगी के हर रंग से रूबरू होने के लिए पढ़ लीजिये ये पंखुरी की "ओस की बूँद"

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Friday 22 March 2013

कविता की खोज में ......



लीजिये कविता दिवस आया भी और चला भी गया ...मुझे तो आज ही एक मित्र से पता चला की कल कविता-दिवस था ...कविता दिवस ...पर तो यही एक ख्याल आया की कविता है क्या ..बस इसी उधेड़ बुन में ये रचना बुनी मैंने ..अब आपको कैसी लगती है ये तो आप सब ही बताएँगे न :-) कविता दिवस की आप सभी कवि  जनो को हार्दिक शुभकामनायें :-)

क्या मेरी सोच मेरी कहानी है कविता
या नए भाव..नए शब्द..मीठी सी वाणी है कविता
वो सुबह सवेरे  हवाओ का चलना
और धीरे से मेरे कानो में घुलना
वो पंछियों की चहचहाहट
झुण्ड में पंख  फैलाना
या पके आमो के बगीचे में
कोयल का कुहू कुहू गाना
क्या हवाएं कोई संदेसा हैं लाती
किसे कोयल अपना मधुर संगीत है सुनाती
हजारो जल तरंगे..बजाती है सरिता
हर चीज में मुझे सुनाई देती है कविता
क्या है कविता
प्यार की सेंक  से ज़वा होती है ये
दर्द और पीड़ा शब्दों में जीती है ये
कभी आक्रोश बन के है निकलती
कभी व्यंग बाण से करे प्रहार
कभी सती ये कहलाये कभी कहलाये पतिता
कभी मरहम है लगाती
कभी रुलाती है कविता
मुझे तो अपने आंसुओ में भी सुनाई देती है कविता

------------------------पारुल'पंखुरी

19 comments:

  1. सुन्दर, भावपूर्ण, रसदार, कसावदार कवितामय चित्रण कविता का कविता दिवस पर | शब्दों और भावों से खूब खिलवाड़ किया और सरस उपमाएं प्रदान की हैं कविता को | बधाई | बेहद आनंदमय प्रस्तुति | पढ़कर बहुत अच्छा लगा |

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  2. बहुत सुन्दर !!
    यही है कविता
    यही है कविता.....

    सस्नेह
    अनु

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  3. असल कविता तो यही है जो दिल से दिल को सुनाई देती है ...
    ये प्राकृति है जो जीवन देती है ...

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  4. पारुल: सुंदर रचना. हमारा पहला संवाद याद आ गया. :)

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    Replies
    1. haan raju mere liye bhi ye kavita hamesha humare pehle samvaad ki yaad hi hai aur rahegi :-)

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  5. कविता हृदय से उपजा गीत
    मिलन हो या हो विरह से प्रीत

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  6. मन के विचारों को मीठे सटीक शब्दों में लिखना ही कविता है,,बहुत ही सुंदर रचना,,,पंखुरी जी,,,

    होली की हार्दिक शुभकामनायें!
    Recent post: रंगों के दोहे ,

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  7. अच्छी कविता ,,,भावपूर्ण!

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  8. " कनखियों से देखें 'वो' ,
    और मुस्कुरा दे ,
    बस यही कविता है "

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  9. विचारणीय भाव .... शब्द गढ़ना सरल नहीं

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  10. kavita dil se nikle shabdon ki pagdandi par chalti hai, ye aapki kavita bakhubi darshati hai, bahut sundar roop me aapne kavita ke arth ko aise mod pe laa chhoda..jahan se iske aur bhi kai arth nikalte hain, jo padhne vale pe nirbhar kartha hai ki vo kavita ko kis arth me dekhta hai.........beautiful!

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  11. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-03-2013) के चर्चा मंच 1193 पर भी होगी. सूचनार्थ

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  12. aap sabhi ka bahut bahut shukriya :-)

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  13. बहुत सुन्दर ...
    पधारें " चाँद से करती हूँ बातें "

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  14. कविता ...बहुत सुन्दर ।

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  15. कविता मन में उठे भावों की झंकार है,
    प्यासे पपीहे की ये करुण सी पुकार है।

    माँ की मीठी मीठी लोरी में बसके रहे है,
    नन्हे संग खिलखिलाती सदा हंसते रहे है।

    कमसीन के गालों का बेसन दूध का लेप है,
    सूजन के दर्द में दादी का हल्दी चूना लेप है।

    पहले प्यार से कहते हुए मन की उलझन है,
    प्रीतम के उँगलियों से लटों की सुलझन है।

    क्या है कविता सवाल सभी किये सदा जाते,
    पर कम हैं जो दिल की बात किये सदा जाते ।

    बहुत ही सरस आपने कहा ...कविता के कई पहलु हैं ये सुनते आये । पर मुझे यही लगता जो कहा।
    खूब बहुत खूब !

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