वो कहते हैं
ये सपना है झूठा
इस वहम को अब तोड़ दे
मै कहती हूँ ..
वो हवा अभी चली नहीं
जो मुझे उसके दर पे छोड़ दे ..
वो कहते हैं
किसी की याद में जिंदगी
बिताने से क्या फ़ायदा ...
मै कहती हूँ ..
प्यार में फ़ायदा नुकसान देखूं ,
मै नहीं जानती ऐसा कायदा
वो कहते हैं ..
यूँ तड़प तड़प के
जवानी बर्बाद नहीं करते
आँखें खोल के देखो .
हजारों आहें भरते हैं ..
मै कहती हूँ ..
मेरी एक आह उस तक
नाजाने कैसे पहुंचेगी ..
वो कैसे जानेगा की हम
उसपे कितना मरते हैं
वो कहते हैं ...
संभल जा, अब भी वक़्त है
वरना बहुत पछताएगी ..
मै कहती हूँ
एक नजर दीदार की प्यासी हूँ
वो घडी जन्नत का सुकून दे जायेगी
वो कहते हैं ..
पगला गई है तू
तेरा, कुछ हो नहीं सकता
इश्क बर्बाद कर देगा
समझ ले ..ना कर नादानी
मै कहती हूँ
कैसे छोड़ दू मै इश्क
जिसे आंसू से सींचा है
बिन जिसके जीवन रीता है
पल पल आस में जिसकी
मन उम्मीदों की चादर सीता है
उस इश्क को बिसरा दूँ
ये मुझसे हो नहीं सकता
दोहराने दे इतिहास को
फिर वही कहानी
मै तो हूँ और रहूंगी
उसके प्रेम में दीवानी
-----------------पारुल'पंखुरी'