पंखुरी के ब्लॉग पे आपका स्वागत है..

जिंदगी का हर दिन ईश्वर की डायरी का एक पन्ना है..तरह-तरह के रंग बिखरते हैं इसपे..कभी लाल..पीले..हरे तो कभी काले सफ़ेद...और हर रंग से बन जाती है कविता..कभी खुशियों से झिलमिलाती है कविता ..कभी उमंगो से लहलहाती है..तो कभी उदासी और खालीपन के सारे किस्से बयां कर देती है कविता.. ..हाँ कविता.--मेरे एहसास और जज्बात की कहानी..तो मेरी जिंदगी के हर रंग से रूबरू होने के लिए पढ़ लीजिये ये पंखुरी की "ओस की बूँद"

मेरी कवितायें पसंद आई तो मुझसे जुड़िये

Thursday 18 October 2012

प्रेम..में..बावरी..

















क्यू मौसम आज महकने लगा

क्यू उमंगो पे सवार होके मन ये चला

क्यू दबे होठो पे धीमी हँसी आ गई

क्यू तन मन मेरा गुलमोहर हुआ

क्यू उम्मीदों के नए पंख लगने लगे

क्यू नैना ये सपने सजाने लगे

क्यू पलकें मेरी झुक के न उठीं

क्यू पर्दों में कई रंग छाने लगे

सांवला रंग मोहे ऐसा भाया सखी

खोई सुध-बुध हुई मै भी साँवरी

प्रीत के रंग से मै तो ऐसी रंगी

जैसे गोपी कोई कृष्ण प्रेम में बावरी

प्रेम में बावरी.

------------पारुल 'पंखुरी'







2 comments:

  1. उसी का प्रेम शास्वत भी है , बाकी सारे प्रेम नश्वर |
    प्रेम की पराकाष्ठा है वो |

    ReplyDelete
    Replies
    1. prem karna bhi wahi sikhata h aakash :-)

      Delete

मित्रो ....मेरी रचनाओं एवं विचारो पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे ... सकारात्मक टिपण्णी से जहा हौसला बढ़ जाता है और अच्छा करने का ..वही नकारात्मक टिपण्णी से अपने को सुधारने के मौके मिल जाते हैं ..आपकी राय आपके विचारों का तहे दिल से मेरे ब्लॉग पर स्वागत है :-) खूब बातें कीजिये क्युकी "बात करने से ही बात बनती है "

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...